The Basic Principles Of Shiv chaisa

शक्ति और समृद्धि का प्रतीक श्री दुर्गा बीसा यंत्र मां दुर्गा को जल्द प्रसन्न करने के लिए आज ही घर में स्थापित करें शक्तिशाली दुर्गा बीसा यंत्र!

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न Shiv chaisa होते हैं

It's thought that normal chanting of Shiva Chalisa with utmost devotion has the ability to remove all of the obstacles and issues from 1’s lifestyle.

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